Tuesday, February 19, 2019

मेरा देश बदल रहा है

लोग कहतें हैं कि मेरा देश बदल रहा हैं
सच कहूँ तो पुराने ढर्रे पर चल रहा हैं
सैतालिस में हुए आज़ाद लोग कहते हैं
भरम पाले ज़ुल्म नफ़रतों का सहते हैं
कहें सियासत ज़न्नतें वतन हैं कश्मीर
जवानों की शहादत की रही जहां पीर
जन्नत कह कब तलक दिल बहलायेंगे
इस नासूर को मिटा ही जां बचा पाएंगे
ख़ूनी जंग-ए सितम लिए हाथ मे पत्थर
खुलेआम देश की अज़मत करें तरबतर
लाख महौब्बतों से भी जो रहे हैं बेअसर
लगे जैसे आस्तीन में साँप पल रहा हैं
और...
लोग कहतें हैं कि मेरा देश बदल रहा हैं
न कुछ बदला हैं न कभी कुछ बदलेगा
यह नासूर है जिस्मों जां तक सड़ा देगा
पाल लो इनको वीरों की शहादत के बदले
या इन्हें मौत बक्शो बजाए बेवज़ूद जुमले
इंतिहां हो गयी अब इनका सितम खल रहा हैं
बड़ा बेवज़ह लगता कि मेरा देश बदल रहा हैं
सच कहूँ तो पुराने, हाँ पुराने ढर्रे पे चल रहा हैं

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