Tuesday, February 19, 2019

मीठे अपने बोल।

बंदे यादों में रह जाएंगे मीठे अपने बोल।
सब को ही जाना हैं, ये सारे बन्धन तोड़।
बड़ी नाज़ुक सी होती है जीवन की डोर।
कब तक की साँसे है, कब तक की भोर।
दौलत रह जाती है, बस करनी का मोल
बाद यादों में रह जाएंगे मीठे अपने बोल।

हाथों की लकीरों को ख़ुद हाथों से लिख
जां जाने के बाद भी तू  यादों में टिक
छांपे कब मिटती है अज़ब भीड़ से दिख
ख़ुद के ही हाथों से तक़दीर के पन्ने लिख
दुनियां जहान में अनमोल निशानी छोड़
बाद यादों में रह जाएंगे मीठे अपने बोल।

दे खुशियों की वज़ह तू, दूजे के होठों पे
वह जीना क्या जीना प्यारे जो तन्हा खपे
रंजो गम को भुला के हर एक से नाता जोड़
बीती खट्टी बातों को तू बहती दरियां में छोड़
है मन में क्यों दूरी, इस मन को तू झिंझोर
बाद यादों में रह जाएंगे मीठे अपने बोल।

दौलत रह जाती है, बस करनी का मोल
बाद यादों में रह जाएंगे मीठे अपने बोल।

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