सपनो जैसे निकलोगे
कब ऐसा मैने सोचा था
स्वपन पराये होते है
तुमको अपना सोचा था
आने की आहट थी
बने रेत पे पद चिन्ह तुम्हारे
एक लहर के आने से
मिटे गए अंदेशे सारे के सारे
जब जगी थी प्रथम आस
उस छन को मैने कोचा था
मन आवरण से तेरी
अंकित तस्वीर को पोछा था
स्वप्न तो झूठे होते है
सच होंगे नाहक ही सोचा था
सपनो जैसे निकलोगे
कब ऐसा मैने सोचा था
कब ऐसा मैने सोचा था
स्वपन पराये होते है
तुमको अपना सोचा था
आने की आहट थी
बने रेत पे पद चिन्ह तुम्हारे
एक लहर के आने से
मिटे गए अंदेशे सारे के सारे
जब जगी थी प्रथम आस
उस छन को मैने कोचा था
मन आवरण से तेरी
अंकित तस्वीर को पोछा था
स्वप्न तो झूठे होते है
सच होंगे नाहक ही सोचा था
सपनो जैसे निकलोगे
कब ऐसा मैने सोचा था
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