Tuesday, February 19, 2019

नौजवानी

नौजवानी क्या हुई बेबफा हालात बदलते चले गए
बचपन के संगी साथी जाने कैसे बिछड़ते चले गए
अज़ब उम्र की राह पैदान दर पैदान चढ़ते चले गए
ज़ालिम रफ़्तार-ए जिंदगी और हम बढ़ते चले गए
संभाले न संभले रिश्तें हाथों से फिसलते चले गए
ख़बर भी न लगी कब दोस्तों से बिछड़ते चले गए
जिन के बिन कभी जीना भी था ब-बेहद मुश्किल
उन्हें निभाने में आया वक्त भी न हुआ क्यूँ आदिल
की खुशियों के वे पल तन्हाईयों में बदलते चले गए
रह गयी यादें पते दिलों दिमाख से फिसलते चले गए
नौजवानी क्या हुई बेबफा हालात बदलते चले गए
बचपन के संगी साथी जाने कैसे बिछड़ते चले गए

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