Tuesday, February 19, 2019

रिश्तें

सोचें रिश्तें न होते, न होता अपनों का साथ
न ललक जीने की होती, होता जीवन बेस्वाद
मातपिता भाई बहन बेटा बहु और बेटी दामाद
इस जीवन के सब रंग है दोस्त यार संग साथ
सबका सानिध्य मिलता रहे तो बने बात से बात
हँसते गाते कट जाएगी हर सुबह सांझ और रात
खट्टी मीठी तकरारें इनकी कम से कम हो मियांद
सारे रिश्तों सजोंइयें यह है जीवन की बुनियाद
जो बिछड़ गए राहों में वे आते हर पल याद
कल का तो कुछ पता नही क्यों पछताए बाद
दुविधाएं तो मिट सकती है यदि होता रहे संवाद
मिटे मिटायें ही मिटते है मन के हर अवसाद
अपने तो अपने होते है सुख दुख के संगी साथ
इंद्रधनुष रंगो जैसे यह रिश्तें जीवन का स्वाद
सोचें रिश्तें न होते, न होता अपनों का साथ
न ललक जीने की होती, होता जीवन बेस्वाद

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