तेरी नज़रंदाज़ीयो को भी हम एक अदा का नाम देते है
तेरे सितम के बदले हम तुझे दुआए सुबह शाम देते है
की तेरा हमसफ़र हमसाया हो जो तुझे दिलों जाँ से चाहें
दुआओं में असर होगा तो मुझे ही तलाशेंगी तेरी निगाहें
हैं यकीं की ये दुआए ये बंदगी भी एक दिन रंग लाएगी
मुहब्बत को परख तू ख़ुद बा-ख़ुद खिंची चली आएगी
तेरे सितम के बदले हम तुझे दुआए सुबह शाम देते है
की तेरा हमसफ़र हमसाया हो जो तुझे दिलों जाँ से चाहें
दुआओं में असर होगा तो मुझे ही तलाशेंगी तेरी निगाहें
हैं यकीं की ये दुआए ये बंदगी भी एक दिन रंग लाएगी
मुहब्बत को परख तू ख़ुद बा-ख़ुद खिंची चली आएगी
No comments:
Post a Comment