Tuesday, February 19, 2019

ममतामयी

हो कौशल्या या हो कैकेयी
हर स्वरूप में माँ ममतामयी
पुत्रहित वो सीमाएं लांघ गयी
भेजा वन राम संग वैदेयी
युगों युगों की ताड़ना सही
पुत्रमोह क्या से क्या बन गयी
थी माँ प्रीपुत्र भरत की स्नेही
निहित भरत की माँ सह्रदयी
माँ हर स्वरूप ममतामयी
हो कौशल्या या हो कैकेयी

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