Tuesday, February 19, 2019

कल की आस निराली है

कल की आस निराली है
सोच आज की खाली है
कल को सुलभ बनाने में
भूले हैं आज निभाने में
जो दीख रहा वह बीत रहा
क्यू कल का सपना जीत रहा
वर्तमान की करें उपेक्षा
भविष्य बनाने की इच्छा
कैसी मोह माया का रंग है
कल का जीवन हुडदंग है
फिर भी जीवन भर लगे रहे
कल के ही सपने जगे रहे
न आज जिया न कल देखा
मनु जीवन स्वपनों को खेता
कल की सुंदर सरंचना में
तजता जीवन निततृष्णा में
और प्राण पखेरू हो जाते है
न कल न आज जी पाते हैं
जियों आज की बेला को
जानो समझो जीवन खेला को
की कल की आस निराली है
उस कारण....
सोच आज की खाली है!

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