कल पे लिखें, पर कैसे लिखे
कल का क्या है ठौर ठिकाना
जीवन हर पल भूलभूलइया
अगला छण किसने जाना
असंख्य रंग बसे आंखों में
कल के सपनों की पाँखों में
जाने क्या क्या रचने की ठानी
संग सपनों की दुनियां अंजानी
हम सब दौड़ रहे इधर उधर
लेकर लक्ष्यों का तानाबाना
पर जीवन तो है भूलभुलैया
कब किसने अगला छन जाना
हर हाथ लगे जो कल चाहे
बस में किसके, है आना जाना
तो कल पे लिखें, कैसे लिखे
कल का क्या है ठौर ठिकाना
कल का क्या है ठौर ठिकाना
जीवन हर पल भूलभूलइया
अगला छण किसने जाना
असंख्य रंग बसे आंखों में
कल के सपनों की पाँखों में
जाने क्या क्या रचने की ठानी
संग सपनों की दुनियां अंजानी
हम सब दौड़ रहे इधर उधर
लेकर लक्ष्यों का तानाबाना
पर जीवन तो है भूलभुलैया
कब किसने अगला छन जाना
हर हाथ लगे जो कल चाहे
बस में किसके, है आना जाना
तो कल पे लिखें, कैसे लिखे
कल का क्या है ठौर ठिकाना
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