Tuesday, February 19, 2019

कभी खुशी कभी गम

कभी खुशी तो कभी गम
रंग तो कभी बेरंग है ये जिंदगी
मौज के छलकते पैमानें
तो कभी ज़हर का घूट है जिंदगी
शौहरत के आसमाँ पे सवार
कभी गर्दिशों का नाम है जिंदगी
जोश-ए रफ़्तार की हमनवां
बेतकल्लुफ़ दौड़ती है ये जिंदगी
कभी मंजिलो से पिछड़ कर
थक हार के सिमटती है जिंदगी
जज्बातों की बारीकियों से
कभी टूटती बिखरती है जिंदगी
अपनो के हौसले अफ़ज़ाई की
कमबख्त मोहताज़ है ये जिंदगी
हर हालातों का हाथ थामें
थमती तो कभी चलती है जिंदगी
क़िस्मत के कोरे काग़ज़ पर
मनचाही इबादत लिखती है जिंदगी
कभी कोशिशें समझाने की
कभी बग़ावत करती है जिंदगी
सुलझाने की जद्दोजहद में
बेबफ़ा सी उलझती है जिंदगी
जिसे समझ सका न कोई
वो अनसुलझी पहेली है जिंदगी
ऐं नीरज छोड़ दें हर फ़िक्र
रब चाहेगा तो कट जाएगी जिंदगी

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