Tuesday, February 19, 2019

दुःखद भारत

यह अपने आज के दुःखद भारत की स्थिति है
जहाँ परम्परा पहचान भाषा एक परिस्थिति है
राष्ट्र राष्ट्रीयता राष्ट्रवाद लोकतंत्र की हत्या है
है सत्य संविधान से खेलना, बाक़ी सब मिथ्या है
हिंदी हिन्द हिन्दू भगवा आतंक की पहचान है
तो इनका स्तर गिराना प्रजातन्त्र का सम्मान है
अतः हिंदी दिवस में सिमटी मिलन सूत्र की रेखा
एक दिवस ही पूज रहे फिर पलट के किसने देखा
सब को सब कह सकने की मिली अजब स्वतंत्रता
अपनी सुविधा से तय कर दी सबने लोकतंत्र सहिंता
देश से बड़ा कद जनमानस का कैसी विसंगति है
खेद मुझे यह अपने आज के भारत की स्थिति है

No comments: