कलम बनाये कठपुतली कुछ अच्छा सा लिख देते है
चाटुकार सराहे जाते हम भी सरेबाज़ार बिक लेते है
संसद के गलियारों में घूम रहे कलयुगी भगवान
जय जवान जय किसान दोनों सहे घोर अपमान
सब दिखता खुली आंख से चलो आंख बंद कर लेते है
घाटी की जो करे सुरक्षा वे अपमानित थप्पड़ खा लेते है
भूखे पेट अन्न उपजाने वाले , मौत को गले लगा लेते है
उनकी व्यथा से क्या लेना देना फूल या पंजा अपना लेते है
चमचे बन के लाख फायदे सियासतदानों के संग हो लेते है
इन्सानी लाशों से मुख फ़ेर चलो गौ हत्या पे आंसू बहा लेते है
दिन को अगर रात कहे तो सूरदास बन काली रात बना लेते है
कलम बनाये कठपुतली कुछ अच्छा सा लिख देते है
चाटुकार सराहे जाते हम भी सरेबाज़ार बिक लेते है
चाटुकार सराहे जाते हम भी सरेबाज़ार बिक लेते है
संसद के गलियारों में घूम रहे कलयुगी भगवान
जय जवान जय किसान दोनों सहे घोर अपमान
सब दिखता खुली आंख से चलो आंख बंद कर लेते है
घाटी की जो करे सुरक्षा वे अपमानित थप्पड़ खा लेते है
भूखे पेट अन्न उपजाने वाले , मौत को गले लगा लेते है
उनकी व्यथा से क्या लेना देना फूल या पंजा अपना लेते है
चमचे बन के लाख फायदे सियासतदानों के संग हो लेते है
इन्सानी लाशों से मुख फ़ेर चलो गौ हत्या पे आंसू बहा लेते है
दिन को अगर रात कहे तो सूरदास बन काली रात बना लेते है
कलम बनाये कठपुतली कुछ अच्छा सा लिख देते है
चाटुकार सराहे जाते हम भी सरेबाज़ार बिक लेते है
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