Tuesday, February 19, 2019

सब कुछ बदल

अब सब कुछ बदल गया
रेल दुर्घटनाएं तो अब होती नहीं
रोगों का निदान मिल गया
मासूमियत चिर निंद्रा सोती नहीं
गोदामों में गेहूं सड़ता न यहाँ
भूख़े बच्चे को देख माँ रोती नहीं
रोजगार संसाधन बढ़ गया
बेरोजगारी तले जिंदगी खोती नहीं
जरूरतों का बाज़ार भर गया
जनता महँगाई का भार ढोती नहीं
राष्ट्रवाद एक नारा मिल गया
धर्म सम्प्रदाय की जंग होती नही
गौ माता को सम्मान मिल गया
गौशाला में कोई दुर्गति होती नहीं
अपराध मुक्त समाज हो गया
हाय-हत्याओं की देश मे पोथी नहीं
आ गए मेरे देश मे अच्छे दिन
नए वादे, जी एस टी, नोटबन्दी यहीं
अब सब कुछ बदल गया
दांव पेंच की राजनीति अब होती नहीं

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