दिन न जाये आरे बारे रात न काली कीजिये
समय बड़ा अनमोल हर छण संचित कीजिये
आपस मे हो प्रेम भाव, द्वेष राग तज दीजिये
जीवन डगर जीवंत होये कारज ऐसे कीजिये
जो मिला जैसा मिला सब ईश्वर की महिमा है
आपन कैसे भोग रहे ये अंतर्मन की गरिमा है
क्यों राग अलापे भाग्य का, कर्म ही प्रधान है
जीत हार दो पहलू है नहीं विधि का विधान है
दोनों से ही सबक मिले अनुभव इनसे लीजिये
जो जन के लाभप्रद वह सबसे साझा कीजिये
दिन न जाये आरे बारे रात न काली कीजिये
समय बड़ा अनमोल हर छण संचित कीजिये
समय बड़ा अनमोल हर छण संचित कीजिये
आपस मे हो प्रेम भाव, द्वेष राग तज दीजिये
जीवन डगर जीवंत होये कारज ऐसे कीजिये
जो मिला जैसा मिला सब ईश्वर की महिमा है
आपन कैसे भोग रहे ये अंतर्मन की गरिमा है
क्यों राग अलापे भाग्य का, कर्म ही प्रधान है
जीत हार दो पहलू है नहीं विधि का विधान है
दोनों से ही सबक मिले अनुभव इनसे लीजिये
जो जन के लाभप्रद वह सबसे साझा कीजिये
दिन न जाये आरे बारे रात न काली कीजिये
समय बड़ा अनमोल हर छण संचित कीजिये
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