Wednesday, July 31, 2013

इच्छाओं को झुलसाना होगा

  1. ...
    Photoक्यू रोये किस्मत पर बच्चे क्या तुझे बताना होगा
    झोपड़पट्टी में जन्म लिया अब भी कुछ बतलाना होगा
    चाहत की संगत से हर रिश्ता तुझे ठुकराना होगा
    स्वप्न पले जो आँखों में उसे तुझे भुलाना होगा
    माँग तेरी तपती दोहपहरी इच्छाओं को झुलसाना होगा
    दुखों के अथाह से सागर से सुख का मोती पाना होगा
    जीवन संघर्षों की बेला उससे हर्ष का पल चुराना होगा
    महज ढांढस की चादर से अपना तन छुपाना होगा
    एक वक्त की रोटी है दूजे पहर भूखे ही सो जाना होगा
    क्यू रोये किस्मत पर बच्चे क्या तुझे बताना होगा
    झोपड़पट्टी में जन्म लिया क्या अब भी कुछ बतलाना होगा…………. 

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