- ...मेरे कदमो ने चुनी कुछ राहे
वजूद तब हो जब तू भी आए
हमसफर तुझे पाकर मंजिले मिल जायेंगी
दूरियां कितनी भी हो मुश्किलें कट जायेंगी
वक्त के साथ मैंने कुछ लम्हे चुराये
हासिल तब जब तू साथ वक्त बिताये
तेरा साथ हो तो सदिया भी कट जायेंगी
वक्त के हाथ से तन्हाईयाँ फिसल जायेंगी
कल कि तसवीर के खाखे है बनाए
वह् तस्वीर हो मुकम्मल तू जो आए
किस्मत की रोशन लकीर, हथेलियां पा जायेंगी
एक तेरे आने से किस्मत बदल जायेगी
कितने ही ख्वाब आँखों में सजाये
मेरी आंखो में बसी तेरी ही सदाये
तुम्हारी बंद पलके जब ख्वाब असल कर जायेंगी
तब खुली आँखें भी हँसी सपनों को जी पायेंगी
इंद्रधनुश ने जो सात रंग है बिखराये
उनमे अगर तेरा रंग भी मिल जाए
तो बेरंग सी इस जिंदगी में रंगीनियां छा जायेगी
जिंदगी कि हर सुबह रात सज सँवर हो जायेगी
तेरा साथ हो तो सदिया भी कट जायेंगी
जीवंत सच्चाइया जिन्हें देख कर भी हम अनदेखा कर देते है उन्हीं सच्चाइयो के झरोखे में झाँकने को मजबूर मेरा मन और उस मन कि व्यथा अपने ही जैसों को समर्पित करना ही मेरा उद्देश्य है, और मेरा निवेदन है कि मेरी सोच में जो अधुरापन रह भी गया है उस पर आप लोगो की कीमती टिप्पणी यदि समय समय पर मिलती रहे तो शायद कोई सार्थक तत्व समाज कि जागरूकता में योगदान दे सके!
Wednesday, July 31, 2013
कदमो ने चुनी कुछ राहे
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