Wednesday, April 11, 2012

ऐ बहारो की रौनक

ऐ बहारो की रौनक फिजाओ की मल्लिका
तेरी नजरों का जादू बिखरा जहाँ में
यह कातिल अदाये और मदहोश मै हूँ
मेरी नींद चुरा के तू मशगूल कहा है
गुलाबो से गुलाबी हाय यह रंग रूप तेरा 
फिजाओ की मस्ती तुझसे ही जवां है
मेरे दिल को चुरा के न इठलाओ जानम
मेरे दर्दे दिल पे तेरा नाम बयाँ है
ऐ बहारो कि रानी तूझसे चैन मेरे दिल का
हँस के यु बिजली गिराती यहा है
ऐ बहारो की रौनक फिजाओ की मल्लिका
तेरी नजरों का जादू बिखरा जहाँ में

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