मै नववर्ष अध्याय का सुस्वागतम करना चाहता हूँ
फिर नये क्षितिज की ओर मै उड़ना चाहता हूँ
मै आज दिव्य रौशनी की सैर करना चाहता हूँ
सबकी आँखों में सुखमय स्वप्न बुनना चाहता हूँ
उर्जा भरे नवदीप का अवलोकन करना चाहता हूँ
अश्रु ना बहे कही हर दुःख को चुनना चाहता हूँ
जो सर्वकर्ण प्रिय हो वह शब्द बनना चाहता हूँ
नववर्ष मै एक नवसमाज की देखना चाहता हूँ
हृदयघात जो करे मै उस कर्म से बचना चहता हूँ
प्रेम बंधुत्व भरे गीत की रचना सुनना चाहता हूँ
मै नववर्ष अध्याय का सुस्वागतम करना चाहता हूँ
फिर नये क्षितिज की ओर मै उड़ना चाहता हूँ
मै आज दिव्य रौशनी की सैर करना चाहता हूँ
सबकी आँखों में सुखमय स्वप्न बुनना चाहता हूँ
उर्जा भरे नवदीप का अवलोकन करना चाहता हूँ
अश्रु ना बहे कही हर दुःख को चुनना चाहता हूँ
जो सर्वकर्ण प्रिय हो वह शब्द बनना चाहता हूँ
नववर्ष मै एक नवसमाज की देखना चाहता हूँ
हृदयघात जो करे मै उस कर्म से बचना चहता हूँ
प्रेम बंधुत्व भरे गीत की रचना सुनना चाहता हूँ
मै नववर्ष अध्याय का सुस्वागतम करना चाहता हूँ
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