मै सोच कर हैरान हूँ
जिनसे मै नहीं अंजान हूँ
यह वही शहर वही लोग है
मुझे पहचानते नहीं संजोग है
क्योकि आज वक्त साथ नहीं
कल जैसी कोई बात नहीं
मुझे पता सुबह आयेगी सही
क्यूँकि हमेशा कि कोई रात नही
पर इस तरह जब कोई बदलता है
सरे राह गैरो की तरह मिलता है
यह फलसफा दिल को अखरता है
कैसे मुफ्फलसी में दिन बदलता है
कल तू था आज मै परेशान हूँ
हालात के हाथ बेवजह कुर्बान हूँ
ग़ुरबत में बदले लोग देख् हैरान हूँ
दर्द मुझको भी होता आख़िर इंसान हूँ
यह वही शहर वही लोग है
मुझे पहचानते नहीं संजोग है
जिनसे मै नहीं अंजान हूँ
यह वही शहर वही लोग है
मुझे पहचानते नहीं संजोग है
क्योकि आज वक्त साथ नहीं
कल जैसी कोई बात नहीं
मुझे पता सुबह आयेगी सही
क्यूँकि हमेशा कि कोई रात नही
पर इस तरह जब कोई बदलता है
सरे राह गैरो की तरह मिलता है
यह फलसफा दिल को अखरता है
कैसे मुफ्फलसी में दिन बदलता है
कल तू था आज मै परेशान हूँ
हालात के हाथ बेवजह कुर्बान हूँ
ग़ुरबत में बदले लोग देख् हैरान हूँ
दर्द मुझको भी होता आख़िर इंसान हूँ
यह वही शहर वही लोग है
मुझे पहचानते नहीं संजोग है
No comments:
Post a Comment