पूरब पश्चिम उत्तर दछिण
खिल उठी चारो दिशाये
प्रत्येक दिशा शुभ संदेश
नववर्ष की शुभ कामनाये
गाव खेत चौपाल हाट
झूमे सब बालक बालाये
स्वर तरंगित ओर छोर
नववर्ष की शुभ कामनाये
धरा गगन नदी नहर पे
अरुण अरुणिमा रहा बिखराये
रवि किरणों ने लिखी पंक्ति
नववर्ष की शुभ कामनाये
ओस की नन्हीं बूँदों से
हरित वन उपवन सभी नहाये
मधुमस्त मयूर नाचे गाये
नववर्ष की शुभ कामनाये
खिल उठी चारो दिशाये
प्रत्येक दिशा शुभ संदेश
नववर्ष की शुभ कामनाये
गाव खेत चौपाल हाट
झूमे सब बालक बालाये
स्वर तरंगित ओर छोर
नववर्ष की शुभ कामनाये
धरा गगन नदी नहर पे
अरुण अरुणिमा रहा बिखराये
रवि किरणों ने लिखी पंक्ति
नववर्ष की शुभ कामनाये
ओस की नन्हीं बूँदों से
हरित वन उपवन सभी नहाये
मधुमस्त मयूर नाचे गाये
नववर्ष की शुभ कामनाये
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