Wednesday, August 17, 2011

तानाशाह तंत्र

काँग्रेस एक विचारधारा है और आज जनता का प्रतिशोध किसी विचारधारा के प्रति नहीं है बल्कि जो लोग कानून को अपने हाथ में लेते हुए देश कि धन सम्पदा पर गैर कानूनी तरीके से उसका बेजाफायदा उठा रहे है और आम आदमी का हक छीन रहे है यह प्रतिशोध उन भ्रष्टाचारियो के खिलाफ है, मेरा मानना है कि जो सच्चे काँग्रेसी है और देश के प्रति अपना दायित्व समझते है तो आज कि वास्तिवक माँग का खुले मन से समर्थन दे और भ्रष्टाचारियो के खिलाफ चल रही अण्णा कि मुहिम को मज़बूत करे!
रही बात संसद और सांसद देश के भीतर क्या होना चाहिये इसका निर्धारण करने के लिए सवीधान द्वारा निर्धारीत है, परन्तु आम जनता अपनी बात रख सकती उसे इस सैवैधानिक अधिकार से भी वंचित नही किया जा सकता और फिर जब मुद्दा ही खुले आम हो रहे भ्रष्टाचार से हो तो आम जनता अपनी बात ही नही रख सकती है अपितु उसके विरोध स्वरूप आंदोलन भी कर सकती है, ऐसे में उनकी आवाज़ को दबाने वाला तंत्र प्रजातंत्र नही बल्कि तानाशाह तंत्र ही कहलायेगा और इस तरह कि गतिविधि को कोई भी विचारधारा अपना समर्थन नही देती है




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