जनहित से दूर केन्द्र कि सरकार ने आज पूर्णता अपनी तानाशाही का परिचय अण्णा हजारे और उनके समर्थको को जबरन गिरफ्फ्तार करके दे ही दिया, पिछले तीन दिन से इस कृत्य के तथाकथित मुख्य अपराधी चिदंबरम ने अपने आप को मीडिया से दूर रखा था जाहिर है इस दौरान चिदंबरम और उसका गिरोह सत्याग्रह के विरुद्ध षड्यंत्र रचने में व्यस्थ था! अण्णा हजारे ने किसी भी कानून का उल्लंाघन नहीं किया है लेकिन फिर भी अण्णा हजारे के साथ समाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल को हिरासत में लिया गया. दूसरी ओर दिल्लीक पुलिस ने किरण बेदी को राजघाट से हिरासत में लिया. इस तमाम घटनाक्रम के दौरान बौख्लाये प्रशाशन ने हद तो तब कर दी जब एक विकलांग जो कि व्हील चेयर पर था उसे भी घसीटते हुए कहा ले गयी किसी को कुछ नही पता, सत्याग्रहियो के साथ इस बर्बरता के साथ पेश आने वाली यह प्रशाशनिक गतविधिया साफ़ तौर से आपातकालीन स्थिति का संदेश दे रही है! तानाशाही के भूत से लिप्त यह सरकार भूल रही है कि एक सत्याग्रहि अपना आंदोलन जेल की चार दीवारी में भी कर सकता है, जैसा की संकेत अन्नाआ ने पहले ही दे दिया था कि यदि उन्हें गिरफ्तार किया जाता है तो वो जेल में ही अनशन करेंगे. स्वतंत्र देश में जन आवाज़ को दबाने का एक बड़ा हथियार धारा 144 लागू करना जिसके तहत आम नागरिक कभी अपना मत ना रख सके, सही मायने में लोकतंत्र को कुचलने के लिए समय समय पर सरकार इसका प्रयोग दुअस्त्रके रूप में करती है, साथ ही लाठी चार्ज जैसा दुत्साहस करने के लिए भी यह सरकार स्वतंत्र है, वाह रे स्वतंत्र देश तेरी दुर्दशा पर आज भारत माँ की आँखें नम है और देश कि जनता त्राहिमान है! सरकार की बर्बरता पूर्ण कार्यवाही के बावजूद अन्ना हजारे ने अपने समर्थकों को जारी संदेश में कहा कि सभी समर्थको को अनुशासित तथा अहिंसक रह कर ही परिवर्तन की इस लड़ाई को जारी रखना है! सरकार में बैठे तथाकथित अपराधी जो आज आंदोलन को कुचलने में लगे है उन लोगो कि भ्रष्टाचारियत की असलियत आज जनता के सामने आ चुकी है, धन्य है मीडिया, धन्य है सामाजिक नेटवर्क जिसके माध्यम से आज सत्य लोगो तक उजागर हो रहा है और गाँधीवादी विचारधारा रखने वाले अण्णा हजारे के आंदोलन को बल मिल रहा है यह गतविधियाँ अगर इसी तरह प्रबल होती रही तो वोह दिन दूर नही जब सच्चे का बोलबाला होगा और चोरों का मुँह काला होगा!
‘इंडिया अगेन्स्ट करप्शन’ यह मिशन नही बल्कि बीमार देश को रोग मुक्त करने का एक उपाय है इसे बेहतर दिशा देने में समस्त भारतवासियों को एकजुट होना होगा अन्यथा हम्हारी आने वाला कल बहुत भयानक होगा, इस आज के जिम्मेदार भ्रष्टाचारी राजतंत्र पर अंकुश लगाने का समय आ चुका है! हजारे के संदेश को ध्यान में रखते हुए की,"मेरी और मेरे साथ कई अन्य लोगों की गिरफ्तारी हो रही है, लेकिन यह आंदोलन रुकने नहीं दें, हमें यह लड़ाई जारी रखनी है तब तक जब आखरी मुकाम ना हासिल हो जाए" इस बात को ध्यान में रखें कि यह लड़ाई परिवर्तन की है. जब तक परिवर्तन नहीं आयेगा हमें सही मायने में गणतंत्र और लोकशाही हासिल नहीं होगी.’ दूसरी पंक्ति के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी, प्रशांत भूषण, शांति भूषण आदि के रूप में मौजूद हैं. समय आ गया है कि सभी लोग गिरफ्तारियां दें और ऐसे प्रयास करें कि देश में कोई भी जेल खाली नहीं बचे.’ ऐसे में जब अण्णा हजारे दूसरी पंक्ति के कार्यकर्ता पर अपना विश्वास व्यक्त करते है तो जरूरत है कि आज उनके विश्वास को हर आम नागरिक को दोगुना करना होगा ताकि अण्णा हजारे विश्वास के साथ यह कह सके कि उनके आंदोलन को जारी रखने के अनगिनत पंक्तिया है और यह सिलसिला तब तक चलता रहेगा.’ जब तक यह आंदोलन अपने मुकाम को हासिल न कर ले! "जय हिंद जय भारत"
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