Wednesday, August 3, 2011

क्रांति एक दिन में नही आती


यह जज्बा दिलों में जगाने कोई तो आया,
जनुने हाल चलो किसी ने तो जताया!
मानता हूँ क्रांति एक दिन में नही आती,
पर एक चिंगारी दिलों में आग है लगाती!
वक्त है फिर विद्रोह का बिगुल बजाने की,
सड़कों में प्रदर्शन कि रैलिया सजाने की!
खोखली राजनीति में चोरों का बोलबाला है,
इनके ही कारण अपने घरों में दीवाला है!
जरूरत है आज इन्हे जड़ से मिटाने की
वक्त है फिर विद्रोह का बिगुल बजाने की!
सोचो मत आगे आओ,अण्णा जैसों का हाथ बटाओ!
ना पड़े अकले राम देव,भाइ कंधे से कंधा मिलाओ! 
आई घड़ी परिवर्तन की, यू ही मत विश्राम करो! 
फर्ज़ तुम्हारा भी वतन पर, कोहराम करो, कोहराम करो!
छुपी चिंगारी दिल में तेरे, उसे आज सरेआम करो!
जीवन रह जाये ना खाली, उसमें एक मुकाम भरो! 

नर हो ना विनाश करो जीवन का, कुछ 
तो अच्छे काम करो! 
इनसान योनि में जन्मे हो तो इसका भी कल्याण करो!
किसी कि शुरुवात से,चलो एक उदेश्य तो पाया!
मौका हाथ से जाने ना दो,फिर आया के ना आया!




यह जज्बा दिलों में जगाने कोई तो आया,
जनुने हाल चलो किसी ने तो जताया!





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