Monday, August 13, 2012


  1. Photo: भीगने को तन मेरा उत्सुक हुआ
बादलो ने किया क्यू धुँआ धुँआ
अब के सावन कब बरसेगा
रिमझिम को यह तन कब तक तरसेगा
बाट मेरी लंबी रातों सी 
बिन निंदिया तरसी आंखो सी
मेघ ना बरसे आँखें बरसी
रिमझिम के बिन तरसी तरसी 
धरा को मेघा का इंतज़ार हुआ
काहे सावन मुआ फिर आकाल हुआ

    दबा के क्या होगा
    दर्द कि इंतिहा जगाँ क्या होगा
    जमाने में हजार रहनुमा है
    अनजान बने तो भला क्या होगा
    दूरियां मिटती है मिटाने से
    दिलो से दूरियां बना क्या होगा
    एक कदम तुम बड़ों  
    फिर देखो साथ यह जहां होगा

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