- आज बाहों में यु ही समाये रहो
कुछ मेरी सुनो कुछ अपनी कहो
दर्द बहुत है सनम इस जमाने में
सुकून मिलता प्यार के खजाने में
मोहब्बत का जुनून कभी कम न हो
वक्त बेवक्त कि जब तुम न हो
...मेरी जिंदगी के वजूद सनम तुम होSee more
मेरे इर्दगिर्द तुम मस्त हवाओं सा बहो
आज बाहों में यु ही समाये रहो
कुछ मेरी सुनो कुछ अपनी कहो
जीवंत सच्चाइया जिन्हें देख कर भी हम अनदेखा कर देते है उन्हीं सच्चाइयो के झरोखे में झाँकने को मजबूर मेरा मन और उस मन कि व्यथा अपने ही जैसों को समर्पित करना ही मेरा उद्देश्य है, और मेरा निवेदन है कि मेरी सोच में जो अधुरापन रह भी गया है उस पर आप लोगो की कीमती टिप्पणी यदि समय समय पर मिलती रहे तो शायद कोई सार्थक तत्व समाज कि जागरूकता में योगदान दे सके!
Monday, August 13, 2012
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment