- यह क्या जिसके लिए मिटे
उसे पता भी न चला
जो दर्द दे गया जीवन भर का
उस से कर ना सके कोई गिला
प्यार के भँवर में
हम डूबे भी
...तड़पे भी
दर्द की टीस जो अभी बाकी है
झेले हम और खता कहा की है
बता भी न सके
हाले दिल सुना भी न सके
वह् अपनी खुशी में शामिल
जब हम खुदखुशी में शामिल
कैसा नायाब प्यार का तोहफा है
कि जिंदगी ख़ुद से कहे तोबा है
बिखरते हालत और हम अकेले
क्या कहे उन्हें पता भी न चला
और हुआ हशारा की जिसके लिए मिटे
उसे पता भी न चला !
जीवंत सच्चाइया जिन्हें देख कर भी हम अनदेखा कर देते है उन्हीं सच्चाइयो के झरोखे में झाँकने को मजबूर मेरा मन और उस मन कि व्यथा अपने ही जैसों को समर्पित करना ही मेरा उद्देश्य है, और मेरा निवेदन है कि मेरी सोच में जो अधुरापन रह भी गया है उस पर आप लोगो की कीमती टिप्पणी यदि समय समय पर मिलती रहे तो शायद कोई सार्थक तत्व समाज कि जागरूकता में योगदान दे सके!
Monday, August 13, 2012
प्यार के भँवर
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment