Monday, August 13, 2012

यु ही समाये रहो


  1. आज बाहों में यु ही समाये रहो
    कुछ मेरी सुनो कुछ अपनी कहो
    दर्द बहुत है सनम इस जमाने में
    सुकून मिलता प्यार के खजाने में
    मोहब्बत का जुनून कभी कम न हो
    वक्त बेवक्त कि जब तुम न हो
    ...
    मेरी जिंदगी के वजूद सनम तुम हो
    मेरे इर्दगिर्द तुम मस्त हवाओं सा बहो
    आज बाहों में यु ही समाये रहो
    कुछ मेरी सुनो कुछ अपनी कहो

No comments: