मुश्किलों ने हर मुश्किल से लड़ने हिम्मत दी!
वरना यह जिंदगी मौत से पहले ही तमाम थी!
गर्दिशो की घड़ी तो असल में एक इम्तहान थी!
वरना यह जिंदगी मौत से पहले ही तमाम थी!
गर्दिशो की घड़ी तो असल में एक इम्तहान थी!
हर दौड़ में जीत ही हो हासिल यह जरूरी तो नहीं!
... वह बात और के दूसरे मौके की हम्हे हसरत ही नहीं!
सीखने में मजा, जीतने में मजा, यही जिदगी है दोस्त!
फिर क्या हार फिर क्या जीत, किस बात से है कोफ्त!
हर तजुर्बे से जो मिलें उसे मान कर खुदा-ए रहमत!
तरक्की ख़ुद बा ख़ुद कदम होगी, नाकामी की क्या जहमत!
यकीनन इसी जज्बे ने जीने की कुबत दी है!
वरना बेबसी पर रोना इंसानी फितरत ही है!
मुश्किलों ने हर मुश्किल से लड़ने हिम्मत दी!
वरना यह जिंदगी मौत से पहले ही तमाम थी!
सीखने में मजा, जीतने में मजा, यही जिदगी है दोस्त!
फिर क्या हार फिर क्या जीत, किस बात से है कोफ्त!
हर तजुर्बे से जो मिलें उसे मान कर खुदा-ए रहमत!
तरक्की ख़ुद बा ख़ुद कदम होगी, नाकामी की क्या जहमत!
यकीनन इसी जज्बे ने जीने की कुबत दी है!
वरना बेबसी पर रोना इंसानी फितरत ही है!
मुश्किलों ने हर मुश्किल से लड़ने हिम्मत दी!
वरना यह जिंदगी मौत से पहले ही तमाम थी!
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