Tuesday, May 21, 2019

मैं तुम्हारे साथ हूँ


अनियंत्रित क्षणों से जीवन भरा भरा
जीवन का पथ हैं निरा घना घना
समय अड़ा कहतामैं नित नया उत्पात हूँ
जो तुम डिगो नहींतो मैं तुम्हारे साथ हूँ
नित नई चुनौती किंतु लक्ष्यों का पता नहीं
अनभिज्ञता ही मानस कीसदा व्यथा रही
समय कहेएक पल दिनदूजे पल मैं रात हूँ
जो तुम डिगो नहीं तो मैं तुम्हारे साथ हूँ
कंटक पथ प्रतिस्पर्द्धाओं का मार्ग संकरा
अंधरपतझड़बसंत बहारकभी सावन हरा भरा
समय कहे क्या रूप धरूँ स्वयं भी मैं अज्ञात हूं
जो तुम डिगो नहींतो मैं तुम्हारे साथ हूँ
वात के प्रतिकूल झोखों की मैं श्रंखला
सर्द वादियाँतपता बंजरमैं फुहार की अंतर्कथा
निर्भय की जीत मैंनिर्बल मन एक झंझावात हूँ
जो तुम डिगो नहींतो मैं तुम्हारे साथ हूँ
जो विमुख नहींगिर के उठाउठ के गिरा
जो हर अवस्था निडरमार्ग पर बढ़ता चला
समय कहे मैं विभिन्नताओं का असीम प्रपात हूँ
जो तुम डिगो नहींतो मैं तुम्हारे साथ हूँ

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