हिंदुओ कि कड़बी हकीकत आपसी फुट ही है जिसकी वजह से ही हम दिन प्रतिदिन पतन की तरफ़ जा रहे है इसका सबसे बड़ा उदाहरण ठाकरे परिवार जो प्रदेश के नाम पर अपने ही हिंदू भाइयो के साथ बेहयाई भरा सलुक करने से भी बाज नही आते, यह हिंदू राष्ट्र के लिए बड़ी शर्म का विषय है कि अग्निवेश जैसे लोग अपने ही करोडो हिंदू समाज की आस्था श्री अमरनाथ में बर्फानी बाबा को महज प्रकृति की देन स्वरुप बर्फ का गोला कहकर अपमान कर सकते है, हम हिंदू धर्म और हिंदुस्तान के सम्मान में कुछ करना तो दूर अपनी मौनता से सहमति का भाव दर्शा रहे है तभी तो एम् ऍफ़ हुसैन जैसे लोग हमारी धरती माँ के और देवी देवताओं के नग्न चित्रों को बना कर अपनी कला का परिचय देते है और हम मौन रहते है! ८० करोड़ बहुसंख्यक हिंदू समाज आज यदि अपनी अभिव्यक्ति भी रखता है तो उसे भगवा आतंक का नाम दिया जाना कितना उचित है और तो और सभी राजनैतिक दल हिंदू विचार धारा का पुरजोर विरोध कर व अल्पसंख्यक समाज की अगुवाइ कर देश कि एकता में सेंध लगने का काम खुले आम करते है ऐसे में हिंदू धर्म का पतन स्वाभाविक है! अक्सर स्वार्थपरकता के चलते लोगो के विचारों में परिवर्तन देखा गया है आज धर्म से हिंदू नेता स्वार्थ के चलते अपने ही मंदिरों से किनारा कर बैठे है जिसका सबसे बड़ा उदाहरण कांग्रेस, सपा, बसपा जैसे दल जो मुस्लिम समुदाय को वोट की राजनीति के लिए इस्तेमाल करते है और उनके वोट मात्र के लिए अनैतिक बातों का समर्थन करते है जिसमें चाहे बहुसंख्यक हिंदुओं कि भावनाये ही आहत क्यों ना हो वह पीछे नहीं हटते! जबकि राष्ट्रहित कि नजर से देखा जाए तो सर्वधर्म संतुष्टि आवश्यक है पर जब कोई हिंदू धर्म कि विरुद्ध गलत टिप्पणी करता है तो सियासत मौन तमाशा देखती ही और इसके विपरीत अल्पसंख्यक के विषय में उठी हर छोटी बड़ी बात संसद के गलियारे में गूँज उठती है! |
जीवंत सच्चाइया जिन्हें देख कर भी हम अनदेखा कर देते है उन्हीं सच्चाइयो के झरोखे में झाँकने को मजबूर मेरा मन और उस मन कि व्यथा अपने ही जैसों को समर्पित करना ही मेरा उद्देश्य है, और मेरा निवेदन है कि मेरी सोच में जो अधुरापन रह भी गया है उस पर आप लोगो की कीमती टिप्पणी यदि समय समय पर मिलती रहे तो शायद कोई सार्थक तत्व समाज कि जागरूकता में योगदान दे सके!
Saturday, January 28, 2012
हिंदुओ कि कड़बी हकीकत
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