हसरत भरी निगाहें ढुंढती तुझे!
तेरी तड़प में मरना मंजूर है मुझे!
है यकीन कभी न कभी तो इनायत होगी!
मेरे आज के लिए तब ख़ुद से शिकायत होगी!
तू चाहेगी निभायेगी मेरे इतने क़रीब आयेगी!
कि खुशी को खुशी बेपन्हा मिल जायेगी!
बस यही सोच कर तसल्ली है मुझे!
के आज कि जाने दे क्या कहूँ मै तुझे!
हसरत भरी निगाहें ढुंढती तुझे!
तेरी तड़प में मरना मंजूर है मुझे!
तेरी तड़प में मरना मंजूर है मुझे!
है यकीन कभी न कभी तो इनायत होगी!
मेरे आज के लिए तब ख़ुद से शिकायत होगी!
तू चाहेगी निभायेगी मेरे इतने क़रीब आयेगी!
कि खुशी को खुशी बेपन्हा मिल जायेगी!
बस यही सोच कर तसल्ली है मुझे!
के आज कि जाने दे क्या कहूँ मै तुझे!
हसरत भरी निगाहें ढुंढती तुझे!
तेरी तड़प में मरना मंजूर है मुझे!
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