तुम्हारे प्यार की कशिस में
मै इस
कदर मदहोश हूँ
की जिंदगी
की आंखरी साँस तक
होश में
आना नहीं चाहता,
तुम्हारे
शब्दों में पिरोये हुए
अपनेपन
के अनमोल मोती,
जिन्हें बेशकीमती जवाहरात की तरह
मै ता-जिंदगी
खोना नही चाहता,
थकान
और शिकन के पलों में
तुम ताजगी
और ताकत हो
सफर के
किसी मोड़ पर हमदम
मै तुम्हे
खोना नही चाहता,
आज वादा
करे एक दुसरे से
आँखों
में एक ही सपना हो
जिसमे
तेरी खुशी न हो शामिल
वह स्वप्न सँजोना नही चाहता
तुम प्यार
हो, तुम अनमोल हो
हां तुम
ही मेरी चाहत हो
हर जन्म तेरा ही साथ मिलें
अब दिल
किसी और का होना नहीं चाहता………………….
No comments:
Post a Comment