Wednesday, May 16, 2012

शादी कि आठवीं वर्षगाँठ


अरे भाई जब से हुयी है शादी तब से ही खड़ी खाट है
और आज उसी खड़ी खाट कि आठवीं वर्षगाँठ है
हर समय नजर उनक़ी और आजादी की बंदरबाँट है
जमाने में चलती मेरी पर घर में हर बात की काट है
क्योँकि मियां तो बीबी के आगे एक रिजेक्टेड लाट है
यह तो घर घर की कहानी है न जाने क्यू मन उचाट है
अविवाहितो से होती जलन जिनके अभी तलक ठाठ है
एक हम जिसकी आज शादी की आठवीं वर्षगाँठ है
क्योँकि जब से हुयी है शादी तब से ही खड़ी खाट है

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