- ...मैंने कहँ दिया है आसुओ से तुमसे कोई तकरार नहीं
गम की वजह न बन तो तुझसे खुशियों में इंकार नही
मेरे अपनो कि दुनिया बहुत अब और कोई सरोकार नही
शुक्र है खुदा का की मुझे किसी और का इंतज़ार नही
ख्वाब में जी लिया बहुत अब निगाहे नींद का खुमार नही
जो मिला वह खुश नसीबी, जो नहीं उसका मै बीमार नही
बदलती हाथ कि लकीरों का नए वक्त में कोई किरदार नही
किस्मत लिख रहा हूँ मै मुझे बदकिस्मती पर एतबार नही
ढल गया हूँ मौसम में कि गर्म हवाओं से मै लाचार नही
ख़ुदा ने बक्शी जो खुशी वह बहुत अब और की दरकार नही
हासिल करने का जनून हो नीरज तो कोई दरों दीवार नहीं
रौशनी ख़ुद बनाती है रास्ता जीतने वालों कि राह् हार नही
मैंने ख्यालो से कहँ की ज़हन में कोई खौफज़दा खयाल नही
हां जो राहत-ए दिल हो तो उन ख्यालो से मुझे इनकार नही
मैंने कहँ दिया है आसुओ से तुमसे कोई तकरार नहीं
गम की वजह न बन तो तुझसे खुशियों में इंकार नही
जीवंत सच्चाइया जिन्हें देख कर भी हम अनदेखा कर देते है उन्हीं सच्चाइयो के झरोखे में झाँकने को मजबूर मेरा मन और उस मन कि व्यथा अपने ही जैसों को समर्पित करना ही मेरा उद्देश्य है, और मेरा निवेदन है कि मेरी सोच में जो अधुरापन रह भी गया है उस पर आप लोगो की कीमती टिप्पणी यदि समय समय पर मिलती रहे तो शायद कोई सार्थक तत्व समाज कि जागरूकता में योगदान दे सके!
Wednesday, July 31, 2013
आसुओ से तकरार नहीं...........खुशियों में इंकार नही
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