असली में जो गुनाहगार है
वही सिपहलसार है
किसकी नियत तलाशिये
सबके सब बीमार है
सरफरोशी चले गए
अब हमवतन भी लाचार है
सब अपनी अपनी कहते है
दूजे की दुश्वार है
बीते दिन जब चाँदनी के
तो अब अंधेरी रात है
तेरे मेरे में सिमट गयी
ये अपनेपन की बात है
कौम बड़ी इंसानियत छोटी
फीके हर जज्बात है
छुरे और तमंचे थामे,
जुदा एकदुजे के हाथ है
कौन कहे लोग वही
जिनका चोली दामन साथ है
बीते दिन जब चाँदनी के
तो अब अंधेरी रात है
असली में जो गुनाहगार है
वही सिपहलसार है
किसकी नियत तलाशिये
सबके सब बीमार है
वही सिपहलसार है
किसकी नियत तलाशिये
सबके सब बीमार है
सरफरोशी चले गए
अब हमवतन भी लाचार है
सब अपनी अपनी कहते है
दूजे की दुश्वार है
बीते दिन जब चाँदनी के
तो अब अंधेरी रात है
तेरे मेरे में सिमट गयी
ये अपनेपन की बात है
कौम बड़ी इंसानियत छोटी
फीके हर जज्बात है
छुरे और तमंचे थामे,
जुदा एकदुजे के हाथ है
कौन कहे लोग वही
जिनका चोली दामन साथ है
बीते दिन जब चाँदनी के
तो अब अंधेरी रात है
असली में जो गुनाहगार है
वही सिपहलसार है
किसकी नियत तलाशिये
सबके सब बीमार है
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