- मन उदास सा हुआ तुम्हारी याद में
करवटें बदलते रहे हम सारी रात में
जो तुझमें वह् कहा किसी बात में
तुम ही तुम मेरे अहले जज़्बात में
यह दूरियां दिल को समझाना मुश्किल
दिल के अरमान मेरे दिल से मिल
... तेरे एहसास से धड़कता है यह दिल
तू ही आगाज ए सनम तू ही मंजिल
भटकते मन का चैन तेरे पास में
मिलेगा सुकून मुझे तेरे ही साथ में
मन उदास सा हुआ तुम्हारी याद में
करवटें बदलते रहे हम सारी रात में
जीवंत सच्चाइया जिन्हें देख कर भी हम अनदेखा कर देते है उन्हीं सच्चाइयो के झरोखे में झाँकने को मजबूर मेरा मन और उस मन कि व्यथा अपने ही जैसों को समर्पित करना ही मेरा उद्देश्य है, और मेरा निवेदन है कि मेरी सोच में जो अधुरापन रह भी गया है उस पर आप लोगो की कीमती टिप्पणी यदि समय समय पर मिलती रहे तो शायद कोई सार्थक तत्व समाज कि जागरूकता में योगदान दे सके!
Saturday, December 29, 2012
मन उदास सा हुआ तुम्हारी याद में
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