Saturday, December 29, 2012

सर्द रातों में काँपते होठ


  1. सर्द रातों में काँपते होठों पर तेरे नाम की दस्तक
    कोसों दूर सनम तू पर खीँच लाया यादों का चुंबक
    ख़ुशबू फूलों कि कहा लुभाती ज़हन में तेरी ही महक
    तेरी आहट तकती निगाहे और राहो में बिछी है पलक
    मेरे प्यार के पंछी एक बार तो मेरे मन में चहक
    मै यहा तू कहा मिटा भी दे दर्दे दिल कि हर कसक
    सर्द रातों में काँपते होठों पर तेरे नाम की दस्तक

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