- इंतज़ार से भरीं तेरे बिस्तरे की
तड़पती हर सलवट होगी
दिल की आवाज़ सुन कर देखो
मेरी आहट क़रीब होगी
लबो पे प्यार गुदगुदा के देखो
मेरी मुस्कराहट क़रीब होगी
... जो महसूस न किया अबतक
वह् चाहत तेरे पास होगी
चाहतों की मौजूदगी में जानम
लम्हे जिंदगी बड़ी ख़ास होगी
तेरी गर्म सांसो में सनम
मेरे वजूद की गुनगुनाहट होगी
ख्यालो के झरोखे में झाख के देखो
उमड़ते जज़्बात हाथों में लट होगी
मेरे दिल के उफान में शामिल
तेरी भी हर बदलटी करवट होगी
इंतज़ार से भरीं तेरे बिस्तरे की
तड़पती हर सलवट होगी...................
जीवंत सच्चाइया जिन्हें देख कर भी हम अनदेखा कर देते है उन्हीं सच्चाइयो के झरोखे में झाँकने को मजबूर मेरा मन और उस मन कि व्यथा अपने ही जैसों को समर्पित करना ही मेरा उद्देश्य है, और मेरा निवेदन है कि मेरी सोच में जो अधुरापन रह भी गया है उस पर आप लोगो की कीमती टिप्पणी यदि समय समय पर मिलती रहे तो शायद कोई सार्थक तत्व समाज कि जागरूकता में योगदान दे सके!
Saturday, December 29, 2012
तड़पती हर सलवट
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