- क्यू लबो की हँसी कुछ और कहती है
तेरे ख्यालो में उदासी छुपी रहती है
इन्हे छुपाओ मत कुछ कहने दो
पीर पिघल जायेगी आँखों को बहने दो
तुम्हे क्या लगता तुम्हारा खयाल नहीं
तेरे गम से दिल में मलाल नहीं
...कभी तन्हाईयों में कभी रुसवाइयो मेंSee more
तुम्हे किया शामिल हर बारीकियों में
तुम ही बस हाले दिल समझ न सके
मेरी चाहतों के क़रीब पहुँच न सके
जिसे तू चाहे वह भी तहे दिल निभाये
तो मै खुश हूँ सनम की तू खुशी पाये
पर मेरे दिल को यह गवारा नहीं
तेरी मुहब्बत को किसी ने शीशे में उतारा नही
तू तड़पता रहा खुले जख्मों की तरह
तेरे दर्द से इस दिल में होती है सिरह
जज्बातो की चोट मुशकील से संभलती है
आ भी जा की मुहब्बत इंतज़ार करती है
क्यू लबो की हँसी कुछ और कहती है
तेरे ख्यालो में उदासी छुपी रहती है
जीवंत सच्चाइया जिन्हें देख कर भी हम अनदेखा कर देते है उन्हीं सच्चाइयो के झरोखे में झाँकने को मजबूर मेरा मन और उस मन कि व्यथा अपने ही जैसों को समर्पित करना ही मेरा उद्देश्य है, और मेरा निवेदन है कि मेरी सोच में जो अधुरापन रह भी गया है उस पर आप लोगो की कीमती टिप्पणी यदि समय समय पर मिलती रहे तो शायद कोई सार्थक तत्व समाज कि जागरूकता में योगदान दे सके!
Monday, August 13, 2012
आँखों को बहने दो
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