"साले बत्तीस रूपए तो कमा ही लेते और फिर भी सरकार से उम्मीद करते है की उनके लिए सरकार कुछ करे अरे भाइ देश के प्रधानमंत्री ने बत्तीस रूपए तक कमाने वाले गरीबी रेखा से ऊपर रखा है फिर सरकार के सिर पर क्यू धान बोने में लगे हो, यह तो पहले सोचना चाहिये था जब काँग्रेस को सत्ता पर काबिज किया था अब मरो या जियो सालों तुम सब गरीबी रेखा से ऊपर हो, भइया जैसा बीज बोयेगा वैसा फल होयेगा अब देखो उत्तर प्रदेश में सपा को जिताया तो चोरी चकारी, गुंडागर्दी, अपहरण, चैन स्नैचिंग, बलात्कार, हत्या इत्यादि तो होंगे ही क्योँकि भाइ यह उनकी पहचान है भाइ बात से बात निकाल आई तो दो चार बात हमने कह दी वरना हम्हे तो बोलने की आदत ही नहीं है...........
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