आज यु ही बैठे बैठे जहन में सवाल आया
कभी भूलें से भी उन्हे हमारा ख्याल आया
एक हम जो हर घड़ी उनके दीदार को तरसे
फिदा ऐसे की ख़ुद को भुले, बीते कई अरसे
उम्मीद उनसे जिनका न कभी पयाम आया
हाल से बेखबर कभी न उनका सलाम आया
दिल को मिलती मगर ठंडक उस रह गुजर से
गिराके बिजलियाँ वह् गुजरती जिधर जिधर से
दर्द के बाद भी इस दिल को तो आराम आया
खिली बांछ, महफिल में जब उनका नाम आया
तन्हाईयाँ अब नहीं हाबी, यादें साथ है जबसे
एकदिन मुलाकात भी होगी दिल कि दिल से
वह् घड़ी कौन से होगी दिल में सवाल आया
कभी भूलें से भी उन्हे हमारा ख्याल आया
कभी भूलें से भी उन्हे हमारा ख्याल आया
एक हम जो हर घड़ी उनके दीदार को तरसे
फिदा ऐसे की ख़ुद को भुले, बीते कई अरसे
उम्मीद उनसे जिनका न कभी पयाम आया
हाल से बेखबर कभी न उनका सलाम आया
दिल को मिलती मगर ठंडक उस रह गुजर से
गिराके बिजलियाँ वह् गुजरती जिधर जिधर से
दर्द के बाद भी इस दिल को तो आराम आया
खिली बांछ, महफिल में जब उनका नाम आया
तन्हाईयाँ अब नहीं हाबी, यादें साथ है जबसे
एकदिन मुलाकात भी होगी दिल कि दिल से
वह् घड़ी कौन से होगी दिल में सवाल आया
कभी भूलें से भी उन्हे हमारा ख्याल आया
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