Wednesday, May 16, 2012

ठिठोली


बहुत हो गया, चलो अब ठिठोली करें
कुछ मस्ती भारी बातों से झोली भरे
आख़िर कब इस हालत का रोना रोये
छोड़ भी दे भला क्यू अच्छे पल खोये
बहुत हो गया, चलो अब ठिठोली करें

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