Wednesday, May 16, 2012

सिद्धांत


सभी पार्टियों में आज सिद्धांत, नैतिकता एवम् जिताऊ कैन्डीडेट की इतनी कमी है कि भ्रष्ट, शातिर अपराधीयों ( हत्या जैसे जघन्य अपराध में शामिल) व्यक्तियों को ही टिकट थमा कर अपनी पार्टियों को मज़बूत करने का घिनौना रास्ता अख्तियार करती है और जब कोई टीका टिप्पणी उनके कु-चरित्र पर करता है तो उसे संसद का अपमान करार देते है, आज यदि किसी भी पार्टी पर नजर डाले तो आपराधिक ग्राफ का स्तर चिंता का विषय नजर आयेगा,...
हमारे कर्णधार देश के सांसदों का कहना है की हम माननीय सांसद है और हम क्या करते थे या क्या करते है इसका वास्ता भला आम जनता से क्यो भाइ जीत कर आए है हा यह बात और है की हमारे ऊपर कोर्ट में चल रहे कुछ आपराधिक मुकदमें है तो भाइ वह तो हम सांसद की वरीयता है वरना कौन सा दल हम्हे पूछता, साली सालों साल कमाई इज़्ज़त का फालुदा करने वालों तुम मेरा नहीं संसद का अपमान करते हो, और कुछ कहना भी है तो कमस-कम भाषा शैली तो सुधारों, साला यु ही चोर जाहिल, गुंडा, मवाली कैसे कह दोगे, बोलना ही है तो नेता जी बोलो
!पन्दर्वी लोकसभा में लगभग १६० सांसदों पर अपराधिक मुक़दमे दर्ज है जिसमे अधिकास पर गंभीर मामले है::ज़रा नज़र डालिए अपने रहनुमाओं पर की आप की सोच को लेकर वो क्या सोच रहे हैं . अँधेरे चारों तरफ़ सायं-सायं करने लगे चिराग़ हाथ उठाकर दुआएँ करने लगे तरक़्क़ी कर गए बीमारियों के सौदागर ये सब मरीज़ हैं जो अब दवाएँ करने लगे लहूलोहान पड़ा था ज़मीं पे इक सूरज परिन्दे अपने परों से हवाएँ करने लगे ज़मीं पे आ गए आँखों से टूट कर आँसू बुरी ख़बर है फ़रिश्ते ख़ताएँ करने लगे झुलस रहे हैं यहाँ

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