Thursday, March 1, 2012

आरज़ू

थी आरज़ू मेरी तुम साथ हो मेरे!
थी आरज़ू मेरी हम साथ हो तेरे!,,
पर नहीं मंजूर तुमको तो तेरी मर्जी!
ना रोकेंगी तुझे मेरी बंदिशे खुदगर्जी!
मुझे पता है तेरी यादे सोने न देगी!
यह तन्हाईयाँ मुझे जीने न देगी!
पर दुआ तुझे खूबसूरत ख्वाबों की ताबीर मिलें!
जो हरहाल में तेरा साथ न छोड़ें वह हाथ मिलें!
दिल-ए दर्द को जगाती मेरी आवाज़ न सुन!
तुझे नसीब हो गुनगुनाते जमाने कि हर धुन!
हर आहट पर तेरा खयाल बे-वजूद सही!
तू आए य ना आए बेवजह इंतज़ार सही!
मेरे हमदम ये दर्द ही सही पर हक है मेरा!
मेरी यादों पर भला कब जमाने का पहरा!
दिल कि इसी पीर के साथ जी लूँगा!
तेरे खातिर गमों का जहर पी लूँगा!
ए सनम बिन साथ तेरे!
हम थे तेरे, हम है तेरे, हम रहंगे तेरे!
थी आरज़ू मेरी तुम साथ हो मेरे!
थी आरज़ू मेरी हम साथ हो तेरे!,,

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