Friday, February 3, 2012

वीं आई पी ट्रीटमेण्ट!


देश में व्याप्त भ्रष्टाचार के लिए खामखवा शोर मचाने वाले अण्णा और रामदेव पर सरकार का अंकुश जायज है, यह कौन होते है जो समाज को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने की अगुवाइ करते है, आख़िर सरकार और प्रशासन को डंडे का इस्तेमाल करने पर मजबूर करने वाले यह देश प्रेमी यह क्यों नही समझते की वे अजमल कसाब नहीं जिसने आतंक का नंगा नाच खेला तभी सरकार ने खुश हो कर उसे वीं आई पी घोषित कर दिया और देश के खजाने से लाखो रुपए की सौगात उसके रहन सहन पर खर्च कर रहे है वरना भ्रष्टाचार की आवाज़ से आवाज़ मिलाने वाली बहन राज बाला को पुलसिया कहर से शिकार हो कर मौत मिलना स्वभाविक है! संसद पर हमला करने वाले अफ़ज़ल गुरु के प्रति भी देश ने “सेकुलर राष्ट्र” होने का सबूत दिया है अफ़ज़ल गुरु किए कार्यों पर यदि नजर डाले तो उसकी गोलियों के शिकार जवान के घरवाले खून के आँसू रो रहे है और जिसके फलस्वरूप सरकार ने उसे भी गुरु का ही दर्जा दे डाला और उसे वीं आई पी ट्रीटमेण्ट के तहत रोटीबोटी, नियमित डॉक्टरी जाँच, सुबह पढ़ने के लिए अखबार,वातानुकिलित शयन आदी मुहैया करा डाला! काँग्रेस में में अनगिनत तिकड़म बाज़ और सत्तालोलुप व्यक्ति है! इन्ही में से एक तिकड़मी नेता पैदायशी तो हिंदू है परंतु स्वभाव से हिंदूविरोधी है। मध्य्प्रदेश का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि यह व्यक्ति दस वर्ष तक मध्य प्रदेश का मुख्य मंत्री रहा और अपने कार्यकाल में प्रदेश को पूरी तरह से बरबाद करने में लगा रहा! सेकुलरवाद की आड़ में इसने अपनी सत्ता को बचाया और सिम्मी जैसे आंतकवादी संगठन को संरक्षण देकर ,उसे फलने फूलने ,और विस्तार करने के लिए हर तरह की मदद दी .इसके शासन काल में सिम्मी ने प्रदेश के हर जिले में अपना जाल बिछाया और आज यह सम्पुर्ण राष्ट्र के लिए आंतकवाद का पर्याए बन चुका है! यह कहना ग़लत नहीं होगा की सिम्मी की सहायता से ही दिग्विजय सिंह १० साल तक सत्ता पर टिका रहा! यह मध्यप्रदेश का भाग्य ही था जब वर्ष २००३ के चुनाव में उमा भारती ने मध्य प्रदेश की जनता को इस राक्षस से मुक्ति दिलायी।
आतंकवादिओं के संरक्षकों का यदि नारको टेस्ट कराया जाए तो अवश्य उनका घिनोना रूप प्रकट हो जायेगा, वैसे इसकी जरूरत नहीं क्योकी वर्तमान में यह इतने बाहुबली हो चुके है की आम आदमी की पहुँच से बाहर है और इतनी सी बात यदि केजरीवाल व किरण बेदी समझ लेती तो उन्हे आए दिन के झूठे आरोपों और कोर्ट कचेहरी के चक्कर नहीं काटेने पड़े!   अरे भाइ अण्णा और रामदेव दोनों ही जब यह समझना ही नही चाहते की राज तंत्र की पसंद और नापसंद क्या है तो सरकार का क्या दोष, कुछ ऐसा करो की मानवाधिकार भी तुम्हारा पक्छ ले जैसे आज देश अफजल और कसाब के साथ खड़ा है वैसे ही तुम्हारे साथ भी खड़ा होगा बस नीयत में खोट लाने की आवश्यकता है इसलिये व्याप्त भ्रष्टाचार का समर्थन करो राजतंत्र तुम्हारा समर्थन करेगा!
तो बोलो भ्रष्टाचार जिंदाबाद और भ्रष्टाचारी रहे आबाद!
धन्यवाद!

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