खुशियो कि दिशा
में कदम और कदमों को चुमती खुशिया !
दोनों के फासले
क़रीब पर मिटती नहीं क्यू यह दुरिया !
अपने छोटे से
दिल के कोने में बसी अनगिनत तमन्नाये !
दिल खुशियों से
होता पागल जो एक भी मंज़िल पाये !
हम सबकी खुशियों
कि परिभाषा रिश्तों कि डोर से है !
अनुभुतिया समान
कोई इस ओर से है कोई उस छोर से है !
अपने से कही
ज्यादा जो जुड़ी दिल के
क़रीब चितचोर से है !
नन्हे लाल कि
किलकारियो में माँ कि खुशियों कि थाह नही !
साँझ ढले जब घर
लौटे तो हर इंसा का सच्चा हर्ष प्रवाह वही !
पत्नी खुश जब
पति के बागवाँ में सुकून कि बयार बहे !
मातृभूमि्
प्रसन्न जब हममें सर्वसुख सदभावना बनी रहे !
बहन भाई तो एक दुजे की
कुशलछेम से अतिप्रसन्न रहे !
मित्रों कि खुशी मात्र
मित्र के संग साथ से है !
प्रेमी की खुशी प्रेयसी
के जीवनपर्यंत साथ से है !
पड़ोसी की खुशी हसती खेलती
मुलाकात से है !
हर रिश्तो में खुशी
प्रेमपूर्वक मेलमिलाप में है !
यानी खुशिया अपनी अपनों
से ही है जिनसे आज दूर हुए !
चलो मिटाए भेद हम मन के
चलो खुशियों को फिर से छुए !
खुशियो कि दिशा
में कदम और कदमों को चुमती खुशिया !
दोनों के फासले क़रीब पर
और मिट जायेंगी यह दुरिया !
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