गीत वह जो हर दिल कि गुनगुनाहट बने!
समय वह जो एक खुशी कि आहट बने!
आग वह जो सर्द रातों कि गरमाहट बने!
शख्श वह जो हर किसी कि चाहत बने!
हँसी वह जो बेपन्हा पीर में मुस्क्राहट बने!
है मसीहा वही जो डूबती नैया का केवट बने!
इस सोच को निभा लो अगर,
तो बैरंग हुई जिंदगी जरा खूबसूरत बने!
बदल दो आज अपने को, के कल दूसरों कि नसीहत बने!
गीत वह जो हर दिल कि गुनगुनाहट बने!
समय वह जो एक खुशी कि आहट बने!
आग वह जो सर्द रातों कि गरमाहट बने!
शख्श वह जो हर किसी कि चाहत बने!
हँसी वह जो बेपन्हा पीर में मुस्क्राहट बने!
है मसीहा वही जो डूबती नैया का केवट बने!
इस सोच को निभा लो अगर,
तो बैरंग हुई जिंदगी जरा खूबसूरत बने!
बदल दो आज अपने को, के कल दूसरों कि नसीहत बने!
गीत वह जो हर दिल कि गुनगुनाहट बने!
No comments:
Post a Comment