जो दिखता है वोह होता नही, जो होता है वो दिखता नही,
यह नाम को नेता कहलाते है पर असली में व्यापारी है,
खून में इनके जहर है बहता, इंसान नही अत्यचारि है,
दुःख दर्द के असली कारण यही,
क्या मिलिये ऐसे लोगों से जिनकी फितरत छुपी रहे!
नकली चेहरा सामने आए असली सूरत छुपी रहे------
दीन धर्म बेच के घूमे, इन पर किसी का जोर कहा!
अंधी दौड़ में दौड़ रहे देश कि परवाह किसे कहा!
देश की सेवा भाड़ में जाये, यह तो भरेंगे घर यहा!
नेता का नकाब है पहन कर, करते खुल कर यह मक्कारी!
राम बचाये इन लोगो से यह छुट्टे साड़ सरकारी!
क्या मिलिये ऐसे लोगों से जिनकी फितरत छुपी रहे!
नकली चेहरा सामने आए असली सूरत छुपी रहे!
"नीरज की पाति"
1 comment:
Good description of a Neta.
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