खुशी होती अगर तुम सच्चे होते,
माफ कर देते अगर तुम बच्चे होते,
तुम ने तो जान कर कत्ल का रास्ता है चुना,
तुम्हरा घर ही लोगो कि लाशों पर बना,
तुम खून के प्यासे रहे हो सदा,
हैवानियत पे हो तुम ऐसे फिदा,
ईमान का सौदा किया था कभी,
अब मातृभूमि को भी बक्शा नही,
सब कुछ पाने कि हसरत में जालिम,
तुमने लड़ाया राम रहीम,
मिटाने का तुमको अब समय आ गया,
तभी कभी अन्ना कभी राम देव छा गया,
सुधार जाओ वरना कुचल देगी यह जनता,
क्योकि हर कृत्य कि होती है एक इंतहा.
"नीरज की पाती"
माफ कर देते अगर तुम बच्चे होते,
तुम ने तो जान कर कत्ल का रास्ता है चुना,
तुम्हरा घर ही लोगो कि लाशों पर बना,
तुम खून के प्यासे रहे हो सदा,
हैवानियत पे हो तुम ऐसे फिदा,
ईमान का सौदा किया था कभी,
अब मातृभूमि को भी बक्शा नही,
सब कुछ पाने कि हसरत में जालिम,
तुमने लड़ाया राम रहीम,
मिटाने का तुमको अब समय आ गया,
तभी कभी अन्ना कभी राम देव छा गया,
सुधार जाओ वरना कुचल देगी यह जनता,
क्योकि हर कृत्य कि होती है एक इंतहा.
खुशी होती अगर तुम सच्चे होते,
माफ कर देते अगर तुम बच्चे होते,
"नीरज की पाती"
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